■■ कलयुग अंत ■■
हद से ज्यादा द्वेष,पाप जब बढ़ जाएगा
अंत कलयुग का तब आएगा।
संभोग की लालसा स्त्री को सताएगी
पुरुष बहनों तक से हवस मिटाएगा।
दया धर्म सब मिट चुका होगा
इंसान का इंसानी पग डिग चुका होगा
बहु सास से काम कराएगी
बेटा माँ बाप को काम बताएगा।
अंत कलयुग का तब आएगा।
हर तरफ होगी मारकाट
हर ओर क्रोधी व्यक्तियों का जमावड़ा हो जाएगा
धन दौलत रुतबे पैसे के लिए लड़ाइयां होंगी
इंसान अहंकार में नहाएगा।
भाई भाई का खून बहाएगा
पति पत्नी पर हाथ उठाएगा।
औरत इज्ज़त से अपने खेलिगी
धर्म का संपूर्ण नाश हो जाएगा।
गीता क़ुरान सब अमान्य हो जाएंगे
लोग लोगों पर धौंस जमाएंगे।
रीति रिवाज़ सब मानव भूल जाएगा।
कोई किसी के न काम आएगा।
विश्वास ईश्वर अल्लाह से उठ जाएगा
आदम ख़ुद को भगवान बताएगा।
पूजा नमाज़ बन्द हो जाएगी।
इंसान क़ाफ़िर (नास्तिक) हो जाएगा।
धरती का हर बुरा काम जब अपनी चरम सीमा पर आएगा
मस्तिष्क से समस्त ज्ञान मिट जाएगा।
हो जाएगी मानव उम्र अधिकतम बीस से तीस वर्ष जब
तब विष्णु का कलकी अवतार आएगा।
और जीवन धरा से ख़त्म कर जाएगा।