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24 May 2023 · 1 min read

■नया दौर, नई नस्ल■

■नया दौर, नई नस्ल■

“मिल गई मिट्टी में सारी ज़िन्दगी।
वो समझती है कि सोना बन गई।।
प्यार से गुड़िया कहा करता था बाप।
शौक से बेटी खिलोना बन गई।।”
(■प्रणय प्रभात■

1 Like · 167 Views
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