■आज का मुक्तक■
■आज का मुक्तक■
एक मानी के सिवा भी है बहुत,
इस हक़ीक़त को ख़ुदारा जानिए।
है अधूरी दास्तां का इख़्तिमाम,
अलविदा को लफ़्ज़ भर मत मानिए।।
😊प्रणय प्रभात😊
■आज का मुक्तक■
एक मानी के सिवा भी है बहुत,
इस हक़ीक़त को ख़ुदारा जानिए।
है अधूरी दास्तां का इख़्तिमाम,
अलविदा को लफ़्ज़ भर मत मानिए।।
😊प्रणय प्रभात😊