√√ *कैसे उमर बताएँ【भक्ति-गीतिका 】*
कैसे उमर बताएँ【भक्ति-गीतिका 】
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(1)
तन पचपन का मन बचपन का ,कैसे उमर बताएँ
मस्ती मिली ध्यान की ऐसी, बच्चे बन-बन जाएँ
(2)
क्या करना है चिन्ता करके, क्या खोना क्या पाना
मिला हमें जो चलो उसी में खुशियाँ खूब मनाएँ
(3)
उसके पास हमारे से है ज्यादा तो क्या करना
हमें दिया जो तूने हे ईश्वर आभार जताएँ
(4)
अगर जरूरत से ज्यादा मिल जाए तो मुश्किल है
इस आफत से सदा आप हे ईश्वर हमें बचाएँ
(5)
खुश रहने का एक मंत्र है जो देना है दे दो
और नहीं बदले में चाहें हम कुछ आकांक्षाएँ
(6)
सारा बोझा अहंकार का है जो हम हैं पाले
इसे हटा दो तो फूलों से हल्के हम कहलाएँ
(7)
नशा एक आने लगता है जब भी तुम आते हो
आओ चलो साथ में हम-तुम थोड़ा समय बिताएँ
(8)
लोग पूछते हैं हमसे यह बात “कुछ नहीं” क्या है
यह किताब थोड़े ही है जो उनको भी पढ़वाएँ
(9)
चार दिनों का मेला जग में खुशी और गम आते
चार दिनों के हम-तुम साथी आपस में बतियाएँ
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451