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28 Mar 2022 · 1 min read

√√सब्र का बाँध 【मुक्तक 】

सब्र का बाँध 【मुक्तक 】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
दिलों में आज गुस्सा है, कहीं यह फूट न जाए
धनुष पर बाण जो खींचा हुआ है छूट न जाए
बहुत लटका लिया मसला अगर यह और लटका तो
हमारे सब्र का अब बाँध साहिब टूट न जाए
—————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
87 Views
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