√√सब्र का बाँध 【मुक्तक 】
सब्र का बाँध 【मुक्तक 】
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दिलों में आज गुस्सा है, कहीं यह फूट न जाए
धनुष पर बाण जो खींचा हुआ है छूट न जाए
बहुत लटका लिया मसला अगर यह और लटका तो
हमारे सब्र का अब बाँध साहिब टूट न जाए
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451