Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jul 2024 · 1 min read

ಅನಾವಶ್ಯಕವಾಗಿ ಅಳುವುದರಿಂದ ಏನು ಪ್ರಯೋಜನ?

ಅನಾವಶ್ಯಕವಾಗಿ ಅಳುವುದರಿಂದ ಏನು ಪ್ರಯೋಜನ?

ದುಃಖಿಸಲು ಸಾವಿರ ಕಾರಣಗಳಿವೆ

ಸಂತೋಷವಾಗಿರಲು ಇದು ಒಂದು ಕಾರಣವಲ್ಲವೇ?

ಭರವಸೆ ಮತ್ತು ನಿರಾಶೆ ಇರುತ್ತದೆ, ಇದು ಜೀವನ

_ ಸೋನಂ ಪುನೀತ್ ದುಬೆ

39 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sonam Puneet Dubey
View all
You may also like:
चोट दिल  पर ही खाई है
चोट दिल पर ही खाई है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
Rj Anand Prajapati
हम आगे ही देखते हैं
हम आगे ही देखते हैं
Santosh Shrivastava
"वे खेलते हैं आग से"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं
मैं
Ajay Mishra
नकाबे चेहरा वाली, पेश जो थी हमको सूरत
नकाबे चेहरा वाली, पेश जो थी हमको सूरत
gurudeenverma198
गीत
गीत
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
4072.💐 *पूर्णिका* 💐
4072.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
प्रेम स्वप्न परिधान है,
प्रेम स्वप्न परिधान है,
sushil sarna
ख़्वाब सजाना नहीं है।
ख़्वाब सजाना नहीं है।
अनिल "आदर्श"
अद्य हिन्दी को भला एक याम का ही मानकर क्यों?
अद्य हिन्दी को भला एक याम का ही मानकर क्यों?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मैं अपने बारे में क्या सोचता हूँ ये मायने नहीं रखता,मायने ये
मैं अपने बारे में क्या सोचता हूँ ये मायने नहीं रखता,मायने ये
Piyush Goel
स्मृतियाँ
स्मृतियाँ
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
दौलत -दौलत ना करें (प्यासा के कुंडलियां)
दौलत -दौलत ना करें (प्यासा के कुंडलियां)
Vijay kumar Pandey
स्मृतियाँ
स्मृतियाँ
Dr. Upasana Pandey
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*समान नागरिक संहिता गीत*
*समान नागरिक संहिता गीत*
Ravi Prakash
मुक्तक
मुक्तक
Vandana Namdev
जिंदगी एक सफर सुहाना है
जिंदगी एक सफर सुहाना है
Suryakant Dwivedi
मई दिवस
मई दिवस
Neeraj Agarwal
★किसान ★
★किसान ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
बद्रीनाथ के पुजारी क्यों बनाते हैं स्त्री का वेश
बद्रीनाथ के पुजारी क्यों बनाते हैं स्त्री का वेश
Rakshita Bora
दाम रिश्तों के
दाम रिश्तों के
Dr fauzia Naseem shad
रात की नदी में
रात की नदी में
पूनम कुमारी (आगाज ए दिल)
तुझसे परेशान हैं आज तुझको बसाने वाले
तुझसे परेशान हैं आज तुझको बसाने वाले
VINOD CHAUHAN
यार नहीं -गजल
यार नहीं -गजल
Dr Mukesh 'Aseemit'
हिन्दी ग़ज़ल के कथ्य का सत्य +रमेशराज
हिन्दी ग़ज़ल के कथ्य का सत्य +रमेशराज
कवि रमेशराज
- मोहब्बत महंगी और फरेब धोखे सस्ते हो गए -
- मोहब्बत महंगी और फरेब धोखे सस्ते हो गए -
bharat gehlot
कविता- 2- 🌸*बदलाव*🌸
कविता- 2- 🌸*बदलाव*🌸
Mahima shukla
■ ढीठ कहीं के ..
■ ढीठ कहीं के ..
*प्रणय प्रभात*
Loading...