Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2022 · 1 min read

আমি তৃপ্ত

শুকনো ঠোঁটে
জলের ফোটা
কিছুটা এমন
যেন চাঁদ নিচু হয়ে
তপ্ত মরুভূমির
জ্বলন্ত ঠোঁটে
ঠোঁট রেখে
চুম্বন করেছে
তোমাকে স্পর্শ করে
আজ আবার
তৃপ্ত হয়েছি আমি
তেমনি ভাবে।

408 Views

You may also like these posts

यकीं तुमने मोहब्बत पर जो दिल से किया होता
यकीं तुमने मोहब्बत पर जो दिल से किया होता
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
चल विजय पथ
चल विजय पथ
Satish Srijan
मैं अश्वत्थ मैं अस्वस्थ
मैं अश्वत्थ मैं अस्वस्थ
Mandar Gangal
तन माटी का
तन माटी का
Neeraj Agarwal
अधूरेपन का मसला
अधूरेपन का मसला
NAVNEET SINGH
हमारी सच्चाई और
हमारी सच्चाई और
Mamta Rani
#रे मन तेरी मेरी प्रीत
#रे मन तेरी मेरी प्रीत
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि
हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि
Shashi kala vyas
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
ये जो मुझे अच्छा कहते है, तभी तक कहते है,
ये जो मुझे अच्छा कहते है, तभी तक कहते है,
ओसमणी साहू 'ओश'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*राखी लेकर बहना है भाई के घर आई*
*राखी लेकर बहना है भाई के घर आई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"घूंघट नारी की आजादी पर वह पहरा है जिसमे पुरुष खुद को सहज मह
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
ग़ज़ल-दिल में दुनिया की पीर
ग़ज़ल-दिल में दुनिया की पीर
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
मेरा गांव
मेरा गांव
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नभ के चमकते तारे तो बन गए ! प्रकाश सभी तारों में विद्धमान है
नभ के चमकते तारे तो बन गए ! प्रकाश सभी तारों में विद्धमान है
DrLakshman Jha Parimal
इतनी भी तकलीफ ना दो हमें ....
इतनी भी तकलीफ ना दो हमें ....
Umender kumar
ग़ज़ल _ मुहब्बत से भरे प्याले , लबालब लब पे आये है !
ग़ज़ल _ मुहब्बत से भरे प्याले , लबालब लब पे आये है !
Neelofar Khan
3936.💐 *पूर्णिका* 💐
3936.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*प्रेम कविताएं*
*प्रेम कविताएं*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
संस्कार का गहना
संस्कार का गहना
Sandeep Pande
फेरे में
फेरे में
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मै थक गया
मै थक गया
भरत कुमार सोलंकी
लगाओ पता इसमें दोष है किसका
लगाओ पता इसमें दोष है किसका
gurudeenverma198
राधा
राधा
Rambali Mishra
पिता और प्रकृति
पिता और प्रकृति
Kirtika Namdev
'समय का सदुपयोग'
'समय का सदुपयोग'
Godambari Negi
चुप अगर रहें तो व्यवधान नहीं है।
चुप अगर रहें तो व्यवधान नहीं है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ये जिंदगी है साहब.
ये जिंदगी है साहब.
शेखर सिंह
कुछ पूछना है तुमसे
कुछ पूछना है तुमसे
सोनू हंस
Loading...