*॥ ॐ नमः शिवाय ॥*
॥ ॐ नमः शिवाय ॥
☯️ शांत रहना चाहिए। मगर शांति अधर्म को जन्म देने लगती हो तो वहां पर शांति से ज्यादा महत्वपूर्ण क्रोध हो जाता है। सामर्थ्यवान होकर अन्याय और अनीति को सहते रहना यह अन्याय को बढ़ावा देने जैसा ही है।
☯️ द्वेषवश किसी से किया गया क्रोध जहाँ अनिष्टकारी और अहितकारी होता है, वहीं लोकहित, लोकमंगल और धर्म को ग्लानि से बचाने के लिए किया गया क्रोध भी कल्याणकारी होता है।
☯️ भगवान शिव के रौद्र रूप का यही रहस्य है।