जब जिंदगी में सब अच्छा चलता है तब आपका ध्यान बस अच्छे पर रहत
मेरे फितरत में ही नहीं है
लम्हें यादों के.....
कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप"
अतीत का बारे में जानें तीन महत्व पूर्ण बातें
इज़ाजत लेकर जो दिल में आए
"" *गीता पढ़ें, पढ़ाएं और जीवन में लाएं* ""
मेरी सच्चाई को बकवास समझती है
मैं अपने सारे फ्रेंड्स सर्कल से कहना चाहूँगी...,
■ लिख दिया है ताकि सनद रहे और वक़्त-ए-ज़रूरत काम आए।
सत्य छिपकर तू कहां बैठा है।
खेल खेल में छूट न जाए जीवन की ये रेल।
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव "अज़ल"
कड़वा सच
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
*भूल गए अध्यात्म सनातन, जातिवाद बस याद किया (हिंदी गजल)*