महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब
वेदना ऐसी मिल गई कि मन प्रदेश में हाहाकार मच गया,
चंद्रयान-3 / (समकालीन कविता)
इंसान स्वार्थी इसलिए है क्योंकि वह बिना स्वार्थ के किसी भी क
अभिसप्त गधा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कैसे आये हिज्र में, दिल को भला करार ।
“दूल्हे की परीक्षा – मिथिला दर्शन” (संस्मरण -1974)
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
*सावन झूला मेघ पर ,नारी का अधिकार (कुंडलिया)*
राम से जी जोड़ दे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali