उम्मीद कभी तू ऐसी मत करना
हम अपना जीवन अधिकतम बुद्धिमत्ता के साथ जीना चाहते हैं, इसका
न दें जो साथ गर्दिश में, वह रहबर हो नहीं सकते।
बाकई में मौहब्बत के गुनहगार हो गये हम ।
"You’re going to realize it one day—that happiness was never
मैं हाथों में तेरा नाम लिखती हूं,
जब हम नकारात्मक टिप्पणियों को बिना आपा खोए सुनने की क्षमता व
क्या कहें,देश को क्या हो गया है
आज कल कुछ लोग काम निकलते ही
नज़्म _ तन्हा कश्ती , तन्हा ये समन्दर है ,
एक कंजूस व्यक्ति कभी भी अपने जीवन में आदर्श स्थापित नही कर स
-आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया हो गया -
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
*साबुन से धोकर यद्यपि तुम, मुखड़े को चमकाओगे (हिंदी गजल)*
यूं तुम से कुछ कहना चाहता है कोई,
देख तुझको यूँ निगाहों का चुराना मेरा - मीनाक्षी मासूम