अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
बड़ी मादक होती है ब्रज की होली
मुझसे मेरा ही पता पूछते हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
#ਨੀਂਵੀਂ ਪਾ ਹੱਥਾਂ ਨੂੰ ਜੋੜ ਦੇ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
सोचके बत्तिहर बुत्ताएल लोकके व्यवहार अंधा होइछ, ढल-फुँनगी पर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
ध्येय बिन कोई मंज़िल को पाता नहीं
*सौम्य व्यक्तित्व के धनी दही विक्रेता श्री राम बाबू जी*
जाने कितनी बार गढ़ी मूर्ति तेरी