*जुलूस की तैयारी (छोटी कहानी)*
जा रहे हो तुम अपने धाम गणपति
*मुश्किल है इश्क़ का सफर*
जब तक दुख मिलता रहे,तब तक जिंदा आप।
पिता
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
ना ढूंढ मोहब्बत बाजारो मे,
मेरे खाते में भी खुशियों का खजाना आ गया।
It’s all be worthless if you lose your people on the way..
बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसद्दस मुज़ाफ़
प्यासा के कुंडलियां (विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा')
मेरे हिस्से का प्यार भी तुझे ही मिले,