।। हंसता चला चल ।।
हंसता चला चल।
हंसता चला चल।।
पाएगा मंजिल,
रख हौसला,
ईमानदारी से,
श्रम की बूंदों को,
ढलता चला चल।
हंसता चला चल।
हंसता चला चल।।
सितारों का ताज होगा,
बहारों पर राज होगा,
मुट्ठी में अरमानों को ले,
विहंसता चला चल।
हंसता चला चल।
हंसता चला चल।।
सोचकर मत डूब ,
गहराइयों में,
मंजिल की तरफ,
तिल-तिल बढ़ता चला चल।
हंसता चला चल।
हंसता चला चल।।
✍️ शिवपूजन यादव ‘सहज’
रामपुरकठरवां, लालगंज आजमगढ़ उत्तर प्रदेश।