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25 Feb 2021 · 1 min read

।। मोहब्बत के खत ।।

मोहब्बत मै भी करता था किसी से
मोहब्बत आज भी मैं करता हूँ उसी से
वह दूर ही सही ,फिर भी मेरे पास है
मैं जानता हूँ, वह मेरे लिए उदास है ।।1।।

चेहरा बार-बार आता है, नजरों के सामने
कुछ नहीं कह पाता हूँ अपनों के सामने
उदास,मायूस हो जाता हूँ देखकर
बस देखता रह जाता हूँ अपनों के सामने ।।2।।

वह खूबसूरत अदायें है उसकी
कभी न भूलने वाली दुआयें है उसकी
प्यार में महकी ,हर दिशाये है उसकी
यादों में हर पल बिताये हैं उसकी ।।3।।

उसकी खूबसूरती, उसके नाम है अनोखे
उसमें माधुर्यता ,और काम है अनोखे
उसके प्यार और पैगाम है अनोखे
उसकी यादें और होठों के जाम है अनोखे ।।4।।

सौम्यता और सुन्दरता भरी उसके अंदर
जैसे समाये जल परी उसके अंदर
प्रेम में नहाये जल भरी उसके अंदर
मुख पर लावण्यता भरी उसके अंदर ।।5।।

रचनाकार
संजय कुमार *स्नेही * रामगढ़, निहोरगंज आजमगढ़ उत्तर प्रदेश मोबाइल नंबर 9984696598
ई मेल skumar276201@gmail.com
स्वरचित, मौलिक अप्रकाशित रचना

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 702 Views

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