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18 Feb 2021 · 1 min read

।। मै किसान हू साहब ।।

सवा सौ करोड़ लोगों का हिन्दुस्तान हू साहब ,
कोई गलती हुई तो माफ करना क्योंकि मै किसान हू साहब।।।

मै अनपढ हू गवार हू पर गद्दार नहीं साहब ,
हर काम का घूस लू आप जैसा इज्जतदार नही साहब ।।।

मेरी ड्यूटी आठ नही चौबीस घंटा मै चमत्कार हू साहब,
मेरी भी एक तनख्वाह हो क्योंकि मै भी एक कलाकार हू साहब।

मै मानता हू संविधान को हू ना मैं दलाल साहब,
मिलती किमत नही फसल के बस यही मलाल है साहब ।।।

सीमा पर मेरा लाल लड़ता पेट मैं भरता आप का साहब,
मिला नही मुझे न्याय अभी तक क्या यही इन्साफ है साहब ।।।

मिट रहे मेरे नामों निशान कमाल है साहब,
कुछ बोल दिये अपने हित के लिए तो बवाल है साहब ।।।

बस यही मंशा है किसान का सम्मान हो साहब ,
हमारी भी इज्ज़त हो आप पर हमे भी गुमान हो साहब।।।

अभी भी किसानो का हक दिलाना सीख लो ये सन्देश कहते है,
बस किसानों से हाथ मिलाना सीख लो ऐ कवि ,मंजेश , कहते है ।।।

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 578 Views
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