।। जिंंदगी ।।
… ।। जिंदगी ।।
सुनों …. जिंदगी
तुम तो सिर्फ चार दिन की ही हो ना
फिर लोग क्यों तुम्हें हजारो साल की कर देते है ।।
तुम कितनी सरल सादगी ही हो ना
फिर लोग क्यों तुम्हें इतनी कठिन मानते हैं ।।
तुम तो सिर्फ आसान ही हो ना
फिर लोगों के क्यों तुम इतने इम्तिहान लेती है ।।
तुम तो कितनी मीठी मीठी ही हो ना
फिर लोगों को क्यों तुम कङवी कङवी लगती है ।।
तुम तो सिर्फ एक पहचान ही हो ना
फिर लोगों की क्यों तुम हरपल जान लेती है ।।
तुम तो सिर्फ प्यारी मुस्कान ही हो ना
फिर लोगों को क्यों तुम हरपल रुला देती है ।।
तुम तो सिर्फ सम्मान ही हो ना
फिर लोगों का क्यों तुम अपमान करती हो ।।
तुम तो सिर्फ एक हीर ही हो ना
फिर लोगों को क्यों तुम जंजीर लगती हो ।।
तुम तो सिर्फ पास ही हो ना
फिर लोगों को क्यों तुम आस लगती हो ।।
तुम तो सिर्फ एक अहसास ही हो ना
फिर लोगों को क्यों तुम बिंदास लगती हो ।।
चौधरी अर्जुन थालौङ