Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2020 · 1 min read

फ़ज़ीहत

उस रात मुझे घर के पिछवाड़े केले के पेड़ों के बीच एक साया नजर आया।
कौन है ? आवाज देने पर वह छुपा साया बाहर निकल कर आया।
मैंने पूछा कौन है तू ? इस पर वह साया बोला मैं एक मजदूर की आत्मा हूँ।
मैं कल रात भूख से मर गया था।
परंतु मुझे कोरोना से मृत लावारिस घोषित कर दिया गया था।
सरकार ने तहकीकात बिना मुझे कोरोना से मृत सामूहिक दाह संस्कार का हिस्सा बनाकर मेरे शव का दाह संस्कार कर दिया।
मेरे शव को सम्मान पूर्वक मृत्यु संस्कार से वंचित कर दिया।
इधर उधर शांति की तलाश में भटकता फिर रहा हूं।
गांव में मेरे अपने मेरे गांव लौट आने का इंतजार कर रहे हैं।
गरीबी और लाचारी झेलते हुए मेरे जिंदा होने के भ्रम में जी रहे हैं।
मुझे डर है जब वे हकीकत जान जाएंगे।
टूट कर जिंदा लाश बन कर रह जाएंगे।
मुझसे बेहतर तो मेरे साथी हैं जो अपने गांव पहुंच गए हैं ।
वहां जाकर चंद अपनों से मिल लिए है।
वहां जाकर अगर कोरोना से या भूख से मर भी जाऐंगे।
अपनी अर्थी उठाने के लिए चार कंधे तो ज़रूर पाएंगे।
कम से कम अपनी मौत पर वाजिब इंसानी इज्जत तो पाऐंगे ।
और मुझ जैसी मौत पर फ़ज़ीहत से तो बच पाऐंगे।

Language: Hindi
11 Likes · 18 Comments · 327 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
- अपनो का दर्द सहते सहनशील हो गए हम -
- अपनो का दर्द सहते सहनशील हो गए हम -
bharat gehlot
ज़िदादिली
ज़िदादिली
Shyam Sundar Subramanian
बुढ़ाते बालों के पक्ष में / MUSAFIR BAITHA
बुढ़ाते बालों के पक्ष में / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
उसकी बेहिसाब नेमतों का कोई हिसाब नहीं
उसकी बेहिसाब नेमतों का कोई हिसाब नहीं
shabina. Naaz
आने वाला कल दुनिया में, मुसीबतों का पल होगा
आने वाला कल दुनिया में, मुसीबतों का पल होगा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
चाँद पर रखकर कदम ये यान भी इतराया है
चाँद पर रखकर कदम ये यान भी इतराया है
Dr Archana Gupta
युगांतर
युगांतर
Suryakant Dwivedi
अब किसी की याद पर है नुक़्ता चीनी
अब किसी की याद पर है नुक़्ता चीनी
Sarfaraz Ahmed Aasee
भीख
भीख
Mukesh Kumar Sonkar
करे ज़ुदा बातें हरपल जो, मानव वो दीवाना है।
करे ज़ुदा बातें हरपल जो, मानव वो दीवाना है।
आर.एस. 'प्रीतम'
*हर किसी के हाथ में अब आंच है*
*हर किसी के हाथ में अब आंच है*
sudhir kumar
*गुरुदेव की है पूर्णिमा, गुरु-ज्ञान आज प्रधान है【 मुक्तक 】*
*गुरुदेव की है पूर्णिमा, गुरु-ज्ञान आज प्रधान है【 मुक्तक 】*
Ravi Prakash
जुबां पर मत अंगार रख बरसाने के लिए
जुबां पर मत अंगार रख बरसाने के लिए
Anil Mishra Prahari
ग़ज़ल/नज़्म - हुस्न से तू तकरार ना कर
ग़ज़ल/नज़्म - हुस्न से तू तकरार ना कर
अनिल कुमार
2963.*पूर्णिका*
2963.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गरीबी में सौन्दर्य है।
गरीबी में सौन्दर्य है।
Acharya Rama Nand Mandal
गलत और सही
गलत और सही
Radhakishan R. Mundhra
"बागबान"
Dr. Kishan tandon kranti
अवसर
अवसर
DR ARUN KUMAR SHASTRI
* प्यार की बातें *
* प्यार की बातें *
surenderpal vaidya
"Guidance of Mother Nature"
Manisha Manjari
खेल और राजनीती
खेल और राजनीती
'अशांत' शेखर
रिमझिम बारिश
रिमझिम बारिश
Anil "Aadarsh"
कविता _ रंग बरसेंगे
कविता _ रंग बरसेंगे
Manu Vashistha
Ye Sidhiyo ka safar kb khatam hoga
Ye Sidhiyo ka safar kb khatam hoga
Sakshi Tripathi
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
प्रथम पूज्य श्रीगणेश
प्रथम पूज्य श्रीगणेश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
वाल्मीकि रामायण, किष्किन्धा काण्ड, द्वितीय सर्ग में राम द्वा
वाल्मीकि रामायण, किष्किन्धा काण्ड, द्वितीय सर्ग में राम द्वा
Rohit Kumar
मिलती बड़े नसीब से , अपने हक की धूप ।
मिलती बड़े नसीब से , अपने हक की धूप ।
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
◆केवल बुद्धिजीवियों के लिए:-
◆केवल बुद्धिजीवियों के लिए:-
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...