** ||| फ़ौलादी ज़िगर||| **
मन की व्यथाओं से
जीवन की दुविधाओं से
भी बाहर आया जा सकता है
गर जिगर फ़ौलादी हो तो
हर दोष मिटाया जा सकता है।
चिंताओं को आग लगाकर
भय कुण्ड से बाहर आकर
काली घटाओं में भी अपना
सर छुपाया जा सकता है।
गर जिगर फ़ौलादी हो तो
हर दोष मिटाया जा सकता है।
ज़माने की तानाकशी से
वक़्त की बेबसी से
क़िस्मत की बेरुखी से भी
दो दो हाँथ मिलाया जा सकता है
गर जिगर फ़ौलादी हो तो
हर दोष मिटाया जा सकता है।
कवि-वि के विराज़