फ़सल
हरी भरी फसल है,पकी पकी फसल है,
खड़ी खड़ी फसल है,अब काट लीजिए।
हंसिये पे धार कर , हंसिये का वार कर,
कटे फटे हाथ धर ,गाँठ छाँट लीजिये।
फसल जो पक गयी, खड़ी खड़ी थक गयी,
बाली बाली जोह कर,अब हाट लीजिये।
काली मिट्टी सोना देती,सोने जैसा अन्न देती,
किसानों को रोजी देती,अब ठाट लीजिये।
डॉ प्रवीणकुमार श्रीवास्तव, “प्रेम”
9450022526