[[ ज़िन्दगी में इक सहारा जब तुम्हारा मिल गया ]]
⚛? मुक्तक
ज़िन्दगी में इक सहारा जब तुम्हारा मिल गया
डूबती कश्ती को मेरी फिर किनारा मिल गया
हम ख़ुशी से झूमते ही नाचते गाता रहा
यूँ लगा जैसे की मुझको इक सितारा मिल गया
नितिन “रौनक़”