ज़िन्दगी एक सफ़र में गुज़र जाती है
ज़िन्दगी एक सफ़र में गुज़र जाती है
मन्ज़िल अंत तक अधूरी रह जाती है
कोई खड़ा इंतेज़ार करता रहता है
चोरी से आकर मौत गले लगाकर चले जाती है
भूपेंद्र रावत
27।04।2020
ज़िन्दगी एक सफ़र में गुज़र जाती है
मन्ज़िल अंत तक अधूरी रह जाती है
कोई खड़ा इंतेज़ार करता रहता है
चोरी से आकर मौत गले लगाकर चले जाती है
भूपेंद्र रावत
27।04।2020