Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2022 · 1 min read

ज़िन्दगियाँ बड़ी खुद गर्ज़ है।

लोगो की ज़िन्दगियाँ बड़ी खुद गर्ज़ है।
सबको यहाँ बस अच्छे की ज़रूरत है।।1।।

क्या दुश्मन क्या दोस्त सब ही है यहाँ।
महफ़िल से हमारा आदाब-ए-अर्ज़ है।।2।।

हर किसी का होना है हिसाब किताब।
मिल जाता है सब को ही यहाँ अज्र है।।3।।

सिर्फ एक दे इश्क़ में कुर्बानी गलत है।
कुछ तुम भी तो दो तुम्हारी भी गर्ज़ है।।4।।

खुद किस्मत हो ख़ुदा ने दिया मौका।
शिफ़ा देना तो हर हाक़िम का फर्ज है।।5।।

अरसे बाद दिखाई दिया वह मुझे कल
चेहरा उसका हो गया बड़ा ही ज़र्द है।।6।।

वो सब छोड़छाडके आया है तेरे पास
उसकी खुशी अब तो तुझ पर फ़र्ज है।।7।।

जरूरते पूरी करते करते वो हुआ ऐसा।
उसपे पैसों का हो गया बड़ा ही कर्ज़ है।।8।।

जाने कितने पल तेरे चुरा के रखे है मैंने।
इश्क़ की बातें आज भी खतों में दर्ज है।।9।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

171 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all

You may also like these posts

तुम्ही बताओ आज सभासद है ये प्रशन महान
तुम्ही बताओ आज सभासद है ये प्रशन महान
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
जब जब तुझे पुकारा तू मेरे करीब हाजिर था,
जब जब तुझे पुकारा तू मेरे करीब हाजिर था,
Chaahat
The Sound of Silence
The Sound of Silence
पूर्वार्थ
बसंत
बसंत
Bodhisatva kastooriya
प्रत्यावर्तन
प्रत्यावर्तन
Deepesh Dwivedi
■
■ "शिक्षा" और "दीक्षा" का अंतर भी समझ लो महाप्रभुओं!!
*प्रणय*
भारत के सैनिक
भारत के सैनिक
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
मेरा गाँव
मेरा गाँव
श्रीहर्ष आचार्य
3823.💐 *पूर्णिका* 💐
3823.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
लेखनी के शब्द मेरे बनोगी न
लेखनी के शब्द मेरे बनोगी न
Anant Yadav
करवाचौथ (कुंडलिया)
करवाचौथ (कुंडलिया)
गुमनाम 'बाबा'
"ये मत भूलो"
Dr. Kishan tandon kranti
*.....मै भी उड़ना चाहती.....*
*.....मै भी उड़ना चाहती.....*
Naushaba Suriya
बनारस की धारों में बसी एक ख़ुशबू है,
बनारस की धारों में बसी एक ख़ुशबू है,
Sahil Ahmad
उपासक लक्ष्मी पंचमी के दिन माता का उपवास कर उनका प्रिय पुष्प
उपासक लक्ष्मी पंचमी के दिन माता का उपवास कर उनका प्रिय पुष्प
Shashi kala vyas
ना मुझे मुक़द्दर पर था भरोसा, ना ही तक़दीर पे विश्वास।
ना मुझे मुक़द्दर पर था भरोसा, ना ही तक़दीर पे विश्वास।
कविता झा ‘गीत’
स्टेटस बड़ी चीज़ है
स्टेटस बड़ी चीज़ है
Chitra Bisht
कीमत बढ़ानी है
कीमत बढ़ानी है
Roopali Sharma
Zindagi mai mushkilo ka aana part of life hai aur unme sai h
Zindagi mai mushkilo ka aana part of life hai aur unme sai h
Sneha Singh
मानव जीवन लक्ष्य क्या
मानव जीवन लक्ष्य क्या
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
विश्वास
विश्वास
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
चंचल मन हो गया बैरागी
चंचल मन हो गया बैरागी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
प्रेम पुनः लौटता है
प्रेम पुनः लौटता है
Abhishek Rajhans
लिव-इन रिलेशनशिप
लिव-इन रिलेशनशिप
लक्ष्मी सिंह
लगातार अथक परिश्रम एवं अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पण से
लगातार अथक परिश्रम एवं अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पण से
Rj Anand Prajapati
लो फिर नया साल आ गया...
लो फिर नया साल आ गया...
Jyoti Roshni
बहर- 121 22 121 22 अरकान- मफ़उलु फ़ेलुन मफ़उलु फ़ेलुन
बहर- 121 22 121 22 अरकान- मफ़उलु फ़ेलुन मफ़उलु फ़ेलुन
Neelam Sharma
ग़ज़ल _ दर्द भूल कर अपने, आप मुस्कुरा देना !
ग़ज़ल _ दर्द भूल कर अपने, आप मुस्कुरा देना !
Neelofar Khan
* धीरे धीरे *
* धीरे धीरे *
surenderpal vaidya
मैं चाहता था कोई ऐसी गिरफ्त हो,
मैं चाहता था कोई ऐसी गिरफ्त हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...