ज़िद – कहानी
ज़िद – कहानी
शहर में रहते हुए भी नेहा जद्दोजहद की जिन्दगी जी रही थी | घर में माता – पिता के अलावा एक भाई पंकज भी है | नेहा के पिता सरकारी नौकरी करते हैं शहर की तहसील में लिपिक के पद पर | शहर में रहने के बावजूद वे नेहा की पढ़ाई स्कूल के ख़त्म होने के बाद बंद करना चाहते थे | आये दिन की घटनाओं से वे नेहा को लेकर चिंतित रहते थे | पंकज अभी कॉलेज में बी. टेक की पढ़ाई कर रहा है |
नेहा का बारह्वीं का परीक्षा परिणाम आ गया है बहुत ही अच्छे अंकों से उसने परीक्षा पास की | घर में सभी उसके परीक्षा परिणाम से खुश हैं | शाम को पिताजी दफ्तर से लौटे तो नेहा ने आगे की पढ़ाई जारी करने के बारे में पूछा | जवाब मिला कि घर के कामकाज सीखो | आगे पढ़ने की जरूरत नहीं | नेहा यह सब सुन तनाव में आ गयी | अब वह गुमसुम रहने लगी | पर उसने अपनी “ ज़िद “ नहीं छोड़ी | घर में आये दिन झगड़े होने लगे |
नेहा की एक सहेली थी प्रिया , जो कॉलेज की पढ़ाई कर रही थी | एक दिन उसने भी नेहा और उसके घरवालों से नेहा की पढ़ाई के बारे में बात की | किन्तु परिणाम वही शून्य | एक साल बीत गया | नेहा अब अठारह वर्ष की हो गयी थी | उसके पिता उसके लिए एक वर की खोज में लग गए | जो भी रिश्ता आता , पहले तो लड़का “ हाँ “ कर देता फिर दो दिन बाद ही शादी से मना कर देता |
यह सिलसिला चलता रहा | घर वाले परेशान हो गए कि आखिर बात क्या है कि लड़के वाले शादी के लिए हाँ नहीं करते | उनके कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था | एक दिन अचानक एक और रिश्ता आता है | रोशन जिसका अपना एक कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र है वह नेहा को देखने आता है पर शादी दो साल बाद करने की बात कहता है | नेहा के माता – पिता सोचते हैं कि एक ढंग का रिश्ता आया वो भी दो साल बाद शादी की बात कह रहा है | बहुत कोशिश के बाद पता चलता है कि नेहा और उसकी सहेली प्रिया दोनों ने एक योजना बनायी थी कि जो भी लड़का नेहा को देखने आएगा उसे नेहा की “ ज़िद “ के बारे में सूचना दे दी जायेगी | बस नेहा और उसके सहेली प्रिय की ये युक्ति काम कर गयी | ज्यादातर रिश्ते इसलिए टूट गए कि लड़की आगे पढ़ना चाहती है |
इस बार रोशन को भी नेहा की ज़िद के बारे में बता दिया गया | रोशन ने भी एलान कर दिया कि नेहा उसके ही कंप्यूटर सेंटर से अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करेगी और बाद में शादी | रोशन और नेहा की ज़िद के आगे नेहा के माता – पिता झुक गए | नेहा ने अपनी पढ़ाई पूरी की उसके बाद शादी | आज नेहा अपने पति के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर कंप्यूटर सेंटर चला रही है और बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा भी दे रही है | यह नेहा की “ ज़िद “ का परिणाम है जिसने उसे ये मुकाम दिलाया |