ज़िगर में प्यास बाकी है
अभी तो संग चलने का बहुत एहसास बाकी है,
सांसे रुक नही सकती जब तक साथ बाकी है।
कदम जल्दी उठे फिर से यही फरियाद है मेरी,
तेरे संग वक्त ये गुज़रे ज़िगर में प्यास बाकी है।
अभी तो संग चलने का बहुत एहसास बाकी है,
सांसे रुक नही सकती जब तक साथ बाकी है।
कदम जल्दी उठे फिर से यही फरियाद है मेरी,
तेरे संग वक्त ये गुज़रे ज़िगर में प्यास बाकी है।