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26 Feb 2018 · 1 min read

ज़िंदगी

तू रूठती तुझे मानता ज़िंदगी ।
तुझसे बस इतना नाता ज़िंदगी ।
चलता रहा अपना साथ यूँ ही ,
तुझे प्यार कब जताता जिंदगी ।
..

मैं ख़्वाबों से निकलूं जरा ।
अपने गमों से उबरूं जरा ।
ले आऊँ पल फुर्सत के जरा ,
ज़िंदगी तुझे प्यार कर लूं जरा ।
… विवेक दुबे”निश्चल”@..

Language: Hindi
1 Like · 214 Views
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