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9 Jun 2021 · 1 min read

ज़िंदगी भर

जमाने ने दी है तोहमत की दौलत ,इसको समेटे रहो जिंदगी भर।
सफाई जो कर दोगे जेहन का अपने ,रह न जाएगी थोड़ी कमी भर।
परवाह जिस दिन कर लोगे अपना,खुशियां मिलेगी तुमको जमी भर।
लोगों ने दूजे के बारे में क्या सोचा,करनी है उनको अपनी बन्दगी भर।
ठोकर लगाकर चल देंगे झट से,लगे थे जिसके लिए जिंदगी भर।
बुरे दौर में कौन होता है अपना, न देखेगा कोई तुमको नजर भर।
तेल लेने जाने दे इन बातों को,तूँ बस अपने अंदर थोड़ा असर भर।
परछाइयां भी होती हैं अक्सर पराई, इनमें अपनी मस्ती की थोड़ी लहर भर।
जर्रे जर्रे में नाम हो बस तुम्हारा, मेहनत को अंदर इस कदर भर।
-सिद्धार्थ पाण्डेय

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 446 Views
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