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23 Apr 2022 · 1 min read

ज़रूरी है

ज़रूरी है

उम्र के इस पड़ाव पर शुकुन ज़रूरी है
ज़िंदगी जीने के लिए जूनून ज़रूरी है
खाली लिफाफा से काम नहीं चलता
पढ़ने के लिए मज़मून ज़रूरी है
ज़िंदगी के नज़म को गुनगुनायें कैसे
अमन सुकून का मीठा धून ज़रूरी है
दहशतगर्दों से बीच बचाव किया तो जाना
दहशत फैलाने के लिए मेरा खून ज़रूरी है .

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