ज़मीं पे रहे या फलक पे उड़े हम
ज़मीं पे रहे या फलक पे उड़े हम
ख़यालों की चौखट पे अक्सर मुड़े हम
कटी मुस्कुराते जो खुशियाँ मिलीं थीं
बुरा वक़्त आया तो हँसके भिड़े हम
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ज़मीं पे रहे या फलक पे उड़े हम
ख़यालों की चौखट पे अक्सर मुड़े हम
कटी मुस्कुराते जो खुशियाँ मिलीं थीं
बुरा वक़्त आया तो हँसके भिड़े हम
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