ग़ज़ल
मुझको दरिया की रवानी लिखना।
मेरी हस्ती को कहानी लिखना।।
मेरे ख़्वाबों में निहाँ हैं शोले।
मेरे अहसास को पानी लिखना।।
मुझको चूमा है नज़र से उसने।
रंग जज़्बात का धानी लिखना।।
इश्क़ ख़ाके-वतन से है जिसको।
नाम मेरा वो जवानी लिखना।।
मेरे ‘तनहा’ उदास जीवन को।
हौसलों की ही निशानी लिखना।।
©-डॉ० सरोजिनी ‘तनहा’