ग़ज़ल
कोई अपनों के रिश्तो में गैर होते हैं
कोई गैर होकर भी जो अपने होते है
रिश्तों के नाम से रिश्ता नहीं होता
कोई रिश्तों के बगैर ही साथ होते हैं
गज़ब है इन्सान के नाम ये जीवन
कभी जीवन में कोई बेजान होते हैं
पौधों से रिश्तों का बना यह पेड़ देखो
जड़ों में प्यार से रिश्ते सफल होते है
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|| पंकज त्रिवेदी ||