ग़ज़ल
विषय:-सपनो की उड़ान
विधा:-ग़ज़ल
ग़ज़ल
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तुम सपनो की उड़ान बन कर देखो,
फ़कत इक बार थोड़ा जी भर देखो।
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तुम ही जवाब हो तुम ही सवाल हो,
मुझसे दिल इक बार लगा कर देखो।
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रखुंगा तुझको पलको पर सजा कर
मुहब्बत का मेरी थोड़ा असर देखो।
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काबिल न रहूं तुम्हारे लिऐ अगर मै,
हक है तुम्हे काट देना मेरा सर देखो।
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रखेगा याद ये सारा जहां वफ़ा मेरी,
तुम आंखो मे मेरी कही है डर देखो।
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तुम न मिली मुझे इस हयात मे गर,
भटकता मिलेगा ‘जैदि’ दर-दर देखो।
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शायर:- “जैदि”
एल.सी.जैदिया “जैदि”