Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Oct 2021 · 1 min read

ग़ज़ल

उलझी उलझी सी रात, इक पहेली सी है,
फिर भी तन्हाई में वो, इक सहेली सी है।

चाँद भी है आसमां में, सितारे भी हैं बहुत,
फिर भी चांदनी वहाँ, क्यों अकेली सी है?

नूर चेहरे पर रहता था, हर दफ़ा ही जिसके,
आँख आजकल उसकी, कुछ गीली सी है।

भटकती रूह दरबदर, ख़ाक सी फ़िज़ा में,
चाल उसकी कुछ, लग रही नशीली सी है।

तितलियों सा चंचल, था मिजाज उसका,
सूरत से आजकल वो, दिखती पीली सी है।

जम रही हैं अब साँसें छूने से बहारों के,
हवा चल रही है जो, वो बर्फीली सी है।

बात कितनी भी मुलायम, की हो ज़माने से,
कानों को लग रही वो, क्यों नुकीली सी है।
©®Gnp

2 Likes · 2 Comments · 321 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"चंदा मामा"
Dr. Kishan tandon kranti
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
विजय कुमार अग्रवाल
मैं बंजारा बन जाऊं
मैं बंजारा बन जाऊं
Shyamsingh Lodhi Rajput (Tejpuriya)
मैं नही चाहती किसी के जैसे बनना
मैं नही चाहती किसी के जैसे बनना
ruby kumari
श्री राम के आदर्श
श्री राम के आदर्श
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
चमचा चरित्र.....
चमचा चरित्र.....
Awadhesh Kumar Singh
2398.पूर्णिका
2398.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
!! पलकें भीगो रहा हूँ !!
!! पलकें भीगो रहा हूँ !!
Chunnu Lal Gupta
चाय और सिगरेट
चाय और सिगरेट
आकाश महेशपुरी
*रामपुर रजा लाइब्रेरी की दरबार हॉल गैलरी : मृत्यु का बोध करा
*रामपुर रजा लाइब्रेरी की दरबार हॉल गैलरी : मृत्यु का बोध करा
Ravi Prakash
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
VEDANTA PATEL
😊बदलाव😊
😊बदलाव😊
*प्रणय प्रभात*
जोशीला
जोशीला
RAKESH RAKESH
*
*"आज फिर जरूरत है तेरी"*
Shashi kala vyas
यादें मोहब्बत की
यादें मोहब्बत की
Mukesh Kumar Sonkar
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
Arghyadeep Chakraborty
ना जाने क्यों तुम,
ना जाने क्यों तुम,
Dr. Man Mohan Krishna
असली पंडित नकली पंडित / MUSAFIR BAITHA
असली पंडित नकली पंडित / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
The Misfit...
The Misfit...
R. H. SRIDEVI
10. जिंदगी से इश्क कर
10. जिंदगी से इश्क कर
Rajeev Dutta
राम पर हाइकु
राम पर हाइकु
Sandeep Pande
यथार्थवादी कविता के रस-तत्त्व +रमेशराज
यथार्थवादी कविता के रस-तत्त्व +रमेशराज
कवि रमेशराज
वक़्त है तू
वक़्त है तू
Dr fauzia Naseem shad
प्रेम के मायने
प्रेम के मायने
Awadhesh Singh
सुबह की चाय हम सभी पीते हैं
सुबह की चाय हम सभी पीते हैं
Neeraj Agarwal
आशीर्वाद
आशीर्वाद
Dr Parveen Thakur
वर्तमान
वर्तमान
Shyam Sundar Subramanian
काश असल पहचान सबको अपनी मालूम होती,
काश असल पहचान सबको अपनी मालूम होती,
manjula chauhan
भुला ना सका
भुला ना सका
Dr. Mulla Adam Ali
Loading...