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28 Dec 2020 · 1 min read

ग़ज़ल

बिन मतलब के मतलब नहीं समझ पाओगे।
होगी दुनिया गर आधी अधूरी जान जाओगे।

कोई ताज्जुब नहीं इससे गर समझ पाओगे।
गर है ताल्लुक़ किसी से तो समझा जाओगे।

मालूम नही मसला जो सुलह करा पाओगे।
गर मालूम हो मसला हल निकाल जाओगे।

रुस्वाह बेरुस्वाह होगा अगर पढ़ पाओगे।
गर मसला अगर रोटी का निकाल पाओगे।

खरगोन मध्यप्रदेश 451001

-✍️हार्दिक महाजन

3 Likes · 8 Comments · 553 Views
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