ग़ज़ल
दिल में तेरे अब ठिकाना कर लिया
दिल में ही अब आना जाना कर लिया।।
मेरे ग़ज़लों जैसे वो आये नज़र
शेर’ से अपने अब दिवाना कर लिया।।
आईने से पूछ बैठे हाल हम
आज उसने भी बहाना कर लिया।।
खूब खेला वो मेरे ज़ज्बातो से
दिल से रिश्ता वो पुराना कर लिया।।
बागबाँ है ख़ुश्बू से आकिब’ भरा
सबसे अब मिलना-मिलाना कर लिया।।
-आकिब जावेद