Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jun 2020 · 1 min read

ग़ज़ल

दिल में तेरे अब ठिकाना कर लिया
दिल में ही अब आना जाना कर लिया।।

मेरे ग़ज़लों जैसे वो आये नज़र
शेर’ से अपने अब दिवाना कर लिया।।

आईने से पूछ बैठे हाल हम
आज उसने भी बहाना कर लिया।।

खूब खेला वो मेरे ज़ज्बातो से
दिल से रिश्ता वो पुराना कर लिया।।

बागबाँ है ख़ुश्बू से आकिब’ भरा
सबसे अब मिलना-मिलाना कर लिया।।

-आकिब जावेद

2 Likes · 556 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Akib Javed
View all
You may also like:
4171.💐 *पूर्णिका* 💐
4171.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जिन नयनों में हों दर्द के साये, उसे बदरा सावन के कैसे भाये।
जिन नयनों में हों दर्द के साये, उसे बदरा सावन के कैसे भाये।
Manisha Manjari
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
!! स्वच्छता अभियान!!
!! स्वच्छता अभियान!!
जय लगन कुमार हैप्पी
आपके लबों पे मुस्कान यूं बरकरार रहे ,
आपके लबों पे मुस्कान यूं बरकरार रहे ,
Keshav kishor Kumar
जो कभी थी नहीं वो शान लिए बैठे हैं।
जो कभी थी नहीं वो शान लिए बैठे हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
"न टूटो न रुठो"
Yogendra Chaturwedi
जमाना तो डरता है, डराता है।
जमाना तो डरता है, डराता है।
Priya princess panwar
मेरी हस्ती
मेरी हस्ती
Shyam Sundar Subramanian
सत्य
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
भव्य भू भारती
भव्य भू भारती
लक्ष्मी सिंह
महफ़िल में ये निगाहें
महफ़िल में ये निगाहें
gurudeenverma198
बस्ते...!
बस्ते...!
Neelam Sharma
*
*"परछाई"*
Shashi kala vyas
Today's Reality: Is it true?
Today's Reality: Is it true?
पूर्वार्थ
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मर्म का दर्द, छिपाना पड़ता है,
मर्म का दर्द, छिपाना पड़ता है,
Meera Thakur
"किसान का दर्द"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
गुनगुनाने यहां लगा, फिर से एक फकीर।
गुनगुनाने यहां लगा, फिर से एक फकीर।
Suryakant Dwivedi
लौह पुरुष - दीपक नीलपदम्
लौह पुरुष - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
12. घर का दरवाज़ा
12. घर का दरवाज़ा
Rajeev Dutta
*My Decor*
*My Decor*
Poonam Matia
হরির গান
হরির গান
Arghyadeep Chakraborty
Pyasa ke gajal
Pyasa ke gajal
Vijay kumar Pandey
उम्र बीत गई
उम्र बीत गई
Chitra Bisht
मुझसे  ऊँचा क्यों भला,
मुझसे ऊँचा क्यों भला,
sushil sarna
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
मुलभुत प्रश्न
मुलभुत प्रश्न
Raju Gajbhiye
जस्टिस फ़ॉर बलूचिस्तान
जस्टिस फ़ॉर बलूचिस्तान
*प्रणय*
*चलो आज झंडा फहराऍं, तीन रंग का प्यारा (हिंदी गजल)*
*चलो आज झंडा फहराऍं, तीन रंग का प्यारा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Loading...