ग़ज़ल
हर राम का जटिल जीवन पथ होगा
जब पिता भार्या भक्त दशरथ होगा
करके ज़ुल्म करता है वो इबादत
कहो फिर कैसे पूर्ण मनोरथ होगा
नींद आयेगी तुझे भी सुकून भरी
जब तू भी पसीने से लथपथ होगा
कृष्ण का भी रथ बढ़ रहा नहीं आगे
सुदामा के रक्त से सना राजपथ होगा
आज भी दुःशासन कर रहा विचरण
कानून खरीदने में वो महारथ होगा
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:- आलोक कौशिक
संक्षिप्त परिचय:-
नाम- आलोक कौशिक
शिक्षा- स्नातकोत्तर (अंग्रेजी साहित्य)
पेशा- पत्रकारिता एवं स्वतंत्र लेखन
साहित्यिक कृतियां- प्रमुख राष्ट्रीय समाचारपत्रों एवं साहित्यिक पत्रिकाओं में दर्जनों रचनाएं प्रकाशित
पता:- मनीषा मैन्शन, जिला- बेगूसराय, राज्य- बिहार, 851101,
अणुडाक- devraajkaushik1989@gmail.com