Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jan 2020 · 1 min read

ग़ज़ल

जुबां से कहूं तभी समझोगे तुम
इतने भी नादां तो नहीं होगे तुम

अपना दिल देना चाहते हो मुझे
मतलब मेरी जान ले जाओगे तुम

भड़क उठी जो चिंगारी मोहब्बत की
फिर वो आग ना बुझा पाओगे तुम

इश्क में सुकूं तभी मिलेगा जब
जिस्म से रूह में समाओगे तुम

प्यार करना कोई वादा न करना
वरना बेवफा कहलाओगे तुम

अब तो कहते हैं दुश्मन भी मेरे
‘कौशिक’ बहुत याद आओगे तुम

………………..

:- आलोक कौशिक

संक्षिप्त परिचय:-

नाम- आलोक कौशिक
शिक्षा- स्नातकोत्तर (अंग्रेजी साहित्य)
पेशा- पत्रकारिता एवं स्वतंत्र लेखन
साहित्यिक कृतियां- प्रमुख राष्ट्रीय समाचारपत्रों एवं साहित्यिक पत्रिकाओं में दर्जनों रचनाएं प्रकाशित
पता:- मनीषा मैन्शन, जिला- बेगूसराय, राज्य- बिहार, 851101,
अणुडाक- devraajkaushik1989@gmail.com

2 Likes · 1 Comment · 241 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आँखों में सुरमा, जब लगातीं हों तुम
आँखों में सुरमा, जब लगातीं हों तुम
The_dk_poetry
आरजी जिंदगी है ...हिसाब किताब होगा सब आखिरत में......
आरजी जिंदगी है ...हिसाब किताब होगा सब आखिरत में......
shabina. Naaz
‌‌भक्ति में शक्ति
‌‌भक्ति में शक्ति
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मेरी जीत की खबर से ऐसे बिलक रहे हैं ।
मेरी जीत की खबर से ऐसे बिलक रहे हैं ।
Phool gufran
शे
शे
*प्रणय*
बर्षो बीते पर भी मन से,
बर्षो बीते पर भी मन से,
TAMANNA BILASPURI
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
Harminder Kaur
नेम प्रेम का कर ले बंधु
नेम प्रेम का कर ले बंधु
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अब भी देश में ईमानदार हैं
अब भी देश में ईमानदार हैं
Dhirendra Singh
7. तेरी याद
7. तेरी याद
Rajeev Dutta
बंद मुट्ठियों को खुलने तो दो...!
बंद मुट्ठियों को खुलने तो दो...!
singh kunwar sarvendra vikram
कशिश
कशिश
Shyam Sundar Subramanian
हवा-बतास
हवा-बतास
आकाश महेशपुरी
4588.*पूर्णिका*
4588.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*श्री देवेंद्र कुमार रस्तोगी के न रहने से आर्य समाज का एक स्
*श्री देवेंद्र कुमार रस्तोगी के न रहने से आर्य समाज का एक स्
Ravi Prakash
आजादी का पर्व
आजादी का पर्व
Parvat Singh Rajput
*बाल गीत (सपना)*
*बाल गीत (सपना)*
Rituraj shivem verma
साथ
साथ
Neeraj Agarwal
छवि के जन्मदिन पर कविता
छवि के जन्मदिन पर कविता
पूर्वार्थ
कवियों की कैसे हो होली
कवियों की कैसे हो होली
महेश चन्द्र त्रिपाठी
~~तीन~~
~~तीन~~
Dr. Vaishali Verma
एक अलग ही दुनिया
एक अलग ही दुनिया
Sangeeta Beniwal
मन के द्वीप
मन के द्वीप
Dr.Archannaa Mishraa
गीतिका
गीतिका
surenderpal vaidya
शिवोहं
शिवोहं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आख़िर उन्हीं २० रुपयें की दवाई ….
आख़िर उन्हीं २० रुपयें की दवाई ….
Piyush Goel
तू कर ले चाहे अपने चेहरे पे परदा
तू कर ले चाहे अपने चेहरे पे परदा
gurudeenverma198
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
प्रेमदास वसु सुरेखा
"तब"
Dr. Kishan tandon kranti
क्या आसमां और क्या जमीं है,
क्या आसमां और क्या जमीं है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...