ग़ज़ल- गुंडों में ऐसा क्या पाया लोगों ने?
ग़ज़ल- गुंडों में ऐसा क्या पाया लोगों ने?
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गुंडों में ऐसा क्या पाया लोगों ने?
संसद तक देखो पहुँचाया लोगों ने।
इतनी हिम्मत! मार रहे अब वोटर को!
बकरी को भी बाघ बनाया लोगों ने।
वे अस्मत तक लूट रहे हैं बहनों की,
पुष्पहार जिनको पहनाया लोगों ने।
सेवक देखो राजा बनकर बैठा है,
इतना सिर पर है बैठाया लोगों ने।
ज़ुल्म हजारों सहते लेकिन ज़ुल्मी को,
सबक नहीं “आकाश” सिखाया लोगों ने।
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 30/07/2019