Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Dec 2018 · 1 min read

ग़ज़ल/ अपनी ज़िन्दगी से मिलते हैं

कभी हिरनी से मिलते हैं
तो कभी शेरनी से मिलते हैं

अब तो रोज़ रोज़ गुफ़्तगू में
हम अपनी ज़िन्दगी से मिलते हैं

हमारा ग़ुस्सा तो कब का पिघल गया जाँ
आजकल तुमसे बड़ी ही सादगी से मिलते हैं

चलता रहे ख़ुदारा ये काफ़िला दो दिलों का
हम ज़िंदा रहने के लिए ज़ोहरा-ज़बीं से मिलते हैं

इश्क़ का इलाज़ ढूढतें हुए कुछ फ़िरते हैं दरबदर
वो नबी से मिलते हैं औऱ हम हैं कि इक हँसीं से मिलते हैं

दोनों के दरमियाँ हैं दूरियाँ बहुत भी, फ़िर भी क़ुर्बत है
हमें ज़िन्दगी में कोई औऱ चाहिए ही नहीं ,बस उन्ही से मिलते हैं

ये दिल फ़कत उन्ही को दे दिया जिनके तलबगार हैं
इस क़दर मसरूफ़ हैं उनमें अब किसी किसी से मिलते हैं

जहाँ जहाँ भी जाती है नज़र वहाँ वहाँ सनम दिखता है
इक दो ही ठिकाने हैं हमारे मिलने के , वहीं से मिलते हैं

बड़े दीवाने हो गए हैं उनके हर वक़्त शायरी करते हैं
रातों में जग जगके उनके नैनो की मयकशी से मिलते हैं

उनके लिए ख़ुद को आसमां कर दें गर वो कह दें,
ख़ुद को ज़मीं भी कर सकते हैं,बड़ी तिश्नगी से मिलते हैं

उनकी इक झलक के लिए बड़ी जल्दी किया करते थे
अब आलम कुछ और है इसीलिए थोड़ी तसल्ली से मिलते हैं

~अजय “अग्यार

1 Like · 2 Comments · 435 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शादी ..... एक सोच
शादी ..... एक सोच
Neeraj Agarwal
तोड़ सको तो तोड़ दो,
तोड़ सको तो तोड़ दो,
sushil sarna
3986.💐 *पूर्णिका* 💐
3986.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
गिलहरी
गिलहरी
Satish Srijan
गीत
गीत
जगदीश शर्मा सहज
अगीत कविता : मै क्या हूँ??
अगीत कविता : मै क्या हूँ??
Sushila joshi
आज ख़ुद के लिए मैं ख़ुद से कुछ कहूं,
आज ख़ुद के लिए मैं ख़ुद से कुछ कहूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
👌तेवरी👌
👌तेवरी👌
*प्रणय*
रमेशराज के शिक्षाप्रद बालगीत
रमेशराज के शिक्षाप्रद बालगीत
कवि रमेशराज
एक शख्स  एक दुनिया हो सकता है
एक शख्स एक दुनिया हो सकता है
पूर्वार्थ
पूरा कुनबा बैठता, खाते मिलकर धूप (कुंडलिया)
पूरा कुनबा बैठता, खाते मिलकर धूप (कुंडलिया)
Ravi Prakash
वो कविताचोर है
वो कविताचोर है
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
दरमियान कुछ नहीं
दरमियान कुछ नहीं
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
" ना जाने "
Dr. Kishan tandon kranti
न बीत गई ना बात गई
न बीत गई ना बात गई
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
जय मां शारदे
जय मां शारदे
Harminder Kaur
पहले जब तु पास् होती थी , तब दिल तुझे खोने से रोता था।
पहले जब तु पास् होती थी , तब दिल तुझे खोने से रोता था।
Nitesh Chauhan
कैसे कहे
कैसे कहे
Dr. Mahesh Kumawat
तुमको खोकर
तुमको खोकर
Dr fauzia Naseem shad
तीन बुंदेली दोहा- #किवरिया / #किवरियाँ
तीन बुंदेली दोहा- #किवरिया / #किवरियाँ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
Kanchan Alok Malu
*दही खाने के 15 अद्भुत चमत्कारी अमृतमयी फायदे...*
*दही खाने के 15 अद्भुत चमत्कारी अमृतमयी फायदे...*
Rituraj shivem verma
जहां आस्था है वहां प्रेम है भक्ति है,
जहां आस्था है वहां प्रेम है भक्ति है,
Ravikesh Jha
सांस के बारे में
सांस के बारे में
Otteri Selvakumar
Irritable Bowel Syndrome
Irritable Bowel Syndrome
Tushar Jagawat
संत गुरु नानक देवजी का हिंदी साहित्य में योगदान
संत गुरु नानक देवजी का हिंदी साहित्य में योगदान
Indu Singh
बेटियां
बेटियां
Mukesh Kumar Sonkar
आत्मशुद्धि या आत्मशक्ति
आत्मशुद्धि या आत्मशक्ति
©️ दामिनी नारायण सिंह
बहते पानी पे एक दरिया ने - संदीप ठाकुर
बहते पानी पे एक दरिया ने - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
सावन
सावन
Dr Archana Gupta
Loading...