ग़ज़ल।वतन के सिपाही वतन याद रखना ।
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ख़ुदा के लिए ये वचन याद रखना ।
वतन के सिपाही वतन याद रखना ।
तिरंगा हमारा बड़ा ही निराला ।
सदा गर्व से ये वज़न याद रखना ।
मिटा दुश्मनों को दिखा दो जवानी ।
गुमानी है अपना चमन याद रखना ।
भले भूल जाओ खुशियों के हर पल ।
शहादत मे लिपटा क़फ़न याद रखना ।
जिस्मों पे खंज़र चला गोलियां को ।
जला दुश्मनों को हवन याद रखना ।
हमे याद है सारी कुर्बानियाँ वो ।
मग़र रह गयी जो जलन याद रखना ।
उठाया जो रकमिश हिफ़ाज़त का बीड़ा ।
मेरे हम जवां वो क़सम याद रखना ।
राम केश मिश्र