ग़ज़लनुमा
ग़ज़लनुमा
मशवरा देना हो तो दे देना चाहिए ,
पीना चाहे कोई तो पिला देना चाहिए ।
चाँद , तारे , ये हवाएं सब तुम्हारी हैं ,
कोई गले से लगे तो लगा देना चाहिए ।
शहर घूमते हैं चलो तुम और मैं ,
भूखे को खाना खिला देना चाहिए ।
जंग करों , दुश्मनों से लड़ो ,
(तूफानों से लड़ो समुन्द्र से बातें करो )
कभी कभी माफ़ भी कर देना चाहिए ।
दोस्ती करो , हक़ जताओ ,
कभी -कभी दुश्मनों को भी मौका दे देना चाहिए ।
प्यार ख़रीद ना सको , भाव मालूम ना हो ,
है जितनी पूँजी लगा देनी चाहिए ।
मणि कोई नहीं है इस जग में मेरा
है प्यार किसी से तो बता देना चाहिए ।
माणिक्य