ग़म तुझे क्या मुझे ये बताओ सनम
लग रही आँख नम क्यों तुम्हारी बहुत।
ग़म तुझे क्या मुझे ये बता ओ सनम।।
बे-वजह यूँ न मुझ से ख़फ़ा तुम रहो।
जो रज़ा हो तुम्हारी उसे तुम कहो।।
मान जाओ करो यार हम पर रहम
ग़म तुझे क्या मुझे ये बता ओ सनम….
इस तरह तुम न हम को सताओ भला।
प्यार के जाम मुझ को पिलाओ ज़रा।।
मान जाओ तुझे अब हमारी कसम
ग़म तुझे क्या मुझे ये बता ओ सनम…
इस क़दर अब न मुझ पे सितम तुम करो।
पास आओ ज़हन में न ग़म तुम करो
कर फ़ना दूँ तुम्हारे लिए सब जनम
ग़म तुझे क्या मुझे ये बता ओ सनम…
✍️ सतेन्द्र गुप्ता
पडरौना-कुशीनगर
मो. :- 6393000233