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9 Feb 2018 · 1 min read

ख़्वाशे

मन में हजार सपने थे
जिंदगी को एक नया मोड़ मिलेगा
नई आशाये जागी
मन कहता कभी ये कभी वो करूँगा
पर सपने जाने कहा खो गए
शादी का दिन
हजारो की ख्वाशो के साथ
किया गृह प्रावेश
मानो हो गया हो कोई गुनाह
एक ही आवाज हर तरफ से
क्या क्या लाई हो।
कुछ नही लाई
कैसे घर में शादी कर दी
हो गयी लड़के की जिंदगी बरबाद
ये सुनकर मन था उदास
कह नही सकती आस पास
मन में उठा एक सवाल
सब कुछ क्या होता है दहे
लडकी और भावनाओ की
नही होती क़द्र
अरमानो को डालते चिता में
खुशी के लिए करते है शादी
आशाओ को खोखला करता है दहेज
शादी नुमा गुलाब में
कब तक रहेगा ये काटा
कम करता रहेगा
इसकी खूबसूरती को।।

Language: Hindi
248 Views
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