**ख़्वाब**
**ख़्वाब**
आँखों में पाल।
रही मैं सुकुमार।
तुम्हारे ख़्वाब।।
सुदंर मन ।
ये लघुतम जीवन
अधूरे ख़्वाब।
आजाओ तुम।
प्रेम उपवन में।
हो पूरे ख़्वाब।।
हृदय कुसुम।
अब खिलने को हैं।
ये मेरे ख़्वाब
स्वरचित…@शिल्पी सिंह
03-06-2018