ख़्वाब। जिंदगीं हो गयी है सवाल। मैं इसका जवाब ढूढता हूँ।। जो सुकून देदे नजरों को। मैं वो बस ख़्वाब देखता हूँ।। ✍✍ताज मोहम्मद✍✍