Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Sep 2017 · 1 min read

ख़्वाबों को ही अब हम अपना बताते है

ख़्वाबों को ही अब हम अपना बताते है
हकीकत में वो हमसे दूर ही नजर आते है

मोती अब आँखों के खुद ही सूख जाते है
जख्म में अब वो नमक छिड़क जाते है

दर्द में हमकों यूँ ही तन्हा छोड़ जाते है
रात हम अपनी अब यूँ ही बिताते है

खुद तो हँसते है हमारी बेबसी में
और हमे रोता हुआ छोड़ जाते है

जख्म देते है, तडपाते है
मरहम अब हम खुद लगाते है

रूठ कर रूख मोड़ चले जाते है
बात करने के लिए वो तरसाते है

सामने नजर हमे आकर तस्सली दे जाते है
देखकर अब हमको नज़र अंदाज कर जाते है

मिलन की ड़ोर हमेशा काट जाते है
पयाम छोड़ खुदको वयस्त बताते है

हिचकी हमे तो आती नही अब
हमें यादों में अपनी यूँही तड़पाते है

नाम मेरा अब वो भूल जाते है
लब मेरे उनका नाम ही रटते जाते है

कल तक जो हंसाते थी शामो-शहर
वो अब बस शामो-शहर रुलाते है

खुद की तिश्र्गी बुझा कर
भूपेंद्र को प्यासा छोड़ चले जाते है

भूपेंद्र रावत
07/09/2017

1 Like · 362 Views

You may also like these posts

“चिकनी -चुपड़ी बातें”
“चिकनी -चुपड़ी बातें”
DrLakshman Jha Parimal
उन्हें इल्म हो भी तो कैसे इश्क का,
उन्हें इल्म हो भी तो कैसे इश्क का,
श्याम सांवरा
काहे से की लवंडा बीबी पाया वर्जिन है। मोदी जी वाह क्या सीन है।
काहे से की लवंडा बीबी पाया वर्जिन है। मोदी जी वाह क्या सीन है।
Rj Anand Prajapati
कौन  किसको पूछता है,
कौन किसको पूछता है,
Ajit Kumar "Karn"
क्रोध
क्रोध
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
श्री रामप्रकाश सर्राफ
श्री रामप्रकाश सर्राफ
Ravi Prakash
प्यार तो हम में और हमारे चारों ओर होना चाहिए।।
प्यार तो हम में और हमारे चारों ओर होना चाहिए।।
शेखर सिंह
"उम्र"
Dr. Kishan tandon kranti
*बादलों की दुनिया*
*बादलों की दुनिया*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
💞 डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त 💞
💞 डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त 💞
DR ARUN KUMAR SHASTRI
श्रृगार छंद - मात्रिक
श्रृगार छंद - मात्रिक
पंकज परिंदा
क्राई फॉर लव
क्राई फॉर लव
Shekhar Chandra Mitra
रिश्ते और साथ टूटना कभी भी अच्छा नहीं है हमारे हिसाब से हर व
रिश्ते और साथ टूटना कभी भी अच्छा नहीं है हमारे हिसाब से हर व
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
हाँ मैन मुर्ख हु
हाँ मैन मुर्ख हु
भरत कुमार सोलंकी
बचाओं नीर
बचाओं नीर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
✍️ कलम हूं ✍️
✍️ कलम हूं ✍️
राधेश्याम "रागी"
जब तक आप अपेक्षा में जिएंगे तब तक दुःख से मुक्त नहीं हो सकते
जब तक आप अपेक्षा में जिएंगे तब तक दुःख से मुक्त नहीं हो सकते
Ravikesh Jha
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
मेरी झोली मै कुछ अल्फ़ाज़ अपनी दुआओं के डाल दे ...
मेरी झोली मै कुछ अल्फ़ाज़ अपनी दुआओं के डाल दे ...
Neelofar Khan
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
Anand Kumar
..
..
*प्रणय*
"हर राह पर खड़ा होगा तेरी हिफाजत करने वाला
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
कभी-कभी खामोशी की,
कभी-कभी खामोशी की,
अनिल "आदर्श"
LIVE IN THE PRESENT
LIVE IN THE PRESENT
पूर्वार्थ
तेरी जुस्तुजू
तेरी जुस्तुजू
Shyam Sundar Subramanian
वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्
Vandana Namdev
प्रकाश परब
प्रकाश परब
Acharya Rama Nand Mandal
मन मोहन हे मुरली मनोहर !
मन मोहन हे मुरली मनोहर !
Saraswati Bajpai
सत्य की खोज
सत्य की खोज
dks.lhp
3122.*पूर्णिका*
3122.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...