Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Nov 2021 · 1 min read

ख़ुशियों का त्योहार मुबारक

ख़ुशियों का त्योहार मुबारक
महँगाई की मार मुबारक

तिनका तिनका जोड़ रहे हो
कर्ज़ा और उधार मुबारक

जनता को ही लूट रही है
जनता की सरकार मुबारक

क्रय क्षमता से ऊपर यारों
सब कुछ है इस बार मुबारक

ज्योति पुंज ‘आकाश’ भरे जो
दीपों का संसार मुबारक

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- ०२/११/२०२१

7 Likes · 5 Comments · 763 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कभी पलट कर जो देख लेती हो,
कभी पलट कर जो देख लेती हो,
Ajit Kumar "Karn"
“Mistake”
“Mistake”
पूर्वार्थ
हौसला न हर हिम्मत से काम ले
हौसला न हर हिम्मत से काम ले
Dr. Shakreen Sageer
जय माता दी 🙏🚩
जय माता दी 🙏🚩
Neeraj Agarwal
गये ज़माने की यादें
गये ज़माने की यादें
Shaily
मिरे मिसरों को ख़यालात मत समझिएगा,
मिरे मिसरों को ख़यालात मत समझिएगा,
Shwet Kumar Sinha
*कुछ रखा यद्यपि नहीं संसार में (हिंदी गजल)*
*कुछ रखा यद्यपि नहीं संसार में (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
स्याह एक रात
स्याह एक रात
हिमांशु Kulshrestha
पूरा जब वनवास हुआ तब, राम अयोध्या वापस आये
पूरा जब वनवास हुआ तब, राम अयोध्या वापस आये
Dr Archana Gupta
बदरा को अब दोष ना देना, बड़ी देर से बारिश छाई है।
बदरा को अब दोष ना देना, बड़ी देर से बारिश छाई है।
Manisha Manjari
"मन की खुशी "
DrLakshman Jha Parimal
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ६)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ६)
Kanchan Khanna
कवियों की कैसे हो होली
कवियों की कैसे हो होली
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
प्रवासी चाँद
प्रवासी चाँद
Ramswaroop Dinkar
दिल ने दिल को दे दिया, उल्फ़त का पैग़ाम ।
दिल ने दिल को दे दिया, उल्फ़त का पैग़ाम ।
sushil sarna
सुकर्मों से मिलती है
सुकर्मों से मिलती है
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
राम का न्याय
राम का न्याय
Shashi Mahajan
वृक्षों की भरमार करो
वृक्षों की भरमार करो
Ritu Asooja
ना मालूम क्यों अब भी हमको
ना मालूम क्यों अब भी हमको
gurudeenverma198
🙅Save Lions🙅
🙅Save Lions🙅
*प्रणय*
3564.💐 *पूर्णिका* 💐
3564.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सौंदर्य मां वसुधा की
सौंदर्य मां वसुधा की
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दोस्तो जिंदगी में कभी कभी ऐसी परिस्थिति आती है, आप चाहे लाख
दोस्तो जिंदगी में कभी कभी ऐसी परिस्थिति आती है, आप चाहे लाख
Sunil Maheshwari
सुकून
सुकून
Harminder Kaur
अभी बाकी है
अभी बाकी है
Vandna Thakur
रंग बिरंगे फूलों से ज़िंदगी सजाई गई है,
रंग बिरंगे फूलों से ज़िंदगी सजाई गई है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"अजीब दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
करना क्या था, मैं क्या कर रहा हूं!
करना क्या था, मैं क्या कर रहा हूं!
Vivek saswat Shukla
क्यो नकाब लगाती हो
क्यो नकाब लगाती हो
भरत कुमार सोलंकी
Loading...