क़िस्मत के धागे
किस्मत के ये धागे, जुड़े होंगे किसी वक्त में कभी ।
तभी हम इसबार मिलें है, बिछड़े होंगे हम कभी।।
ना खो देना मुझे, इस वक्त की फैली चादर अंधेरी में ।
ना मिलें सुबह कभी तो, आवाज़ सुना देना कभी ।।
सितारे बनने की चाहत सब पालते हैं हर कहीं ।
चाहते है चमकने की तो, मुझे जला लेना कभी।।
जब घिरें हो रास्ते अंधेरों से, मुझे याद कर लेना तभी।
मसाल बनकर जलूंगा राह में, जगमगा दूंगा रोशनी हर कहीं।।
वक्त अब दूर नही खो जाएंगे शून्य में जब हम कभी ।
प्यार करते है बेइंतहां, जी लेते है पूरी जिंदगी अभी ।।