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11 May 2020 · 1 min read

क़िताबे

सोचता हूँ कभी
किताबो के पन्ने
में झाँक कर
किताबे मौन में भी
बहुत कुछ कहती है
जिंदगी की सच्चाई
बताती है
आईने की तरह
बस तुम उसे
पढ़ते रहना
मंथन करते रहना
सोचते रहां
एक दिन वह विचार
तुम्हारा जीवन बन जाए
तुम्हारा जीवन संभल जाए ।
– आनंदश्री

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 209 Views
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