क़लम कश्मीर की ज़ुबान होगी
नागरिक बिल जो कि अभी आया ही नहीं पर मेरी यह कविता
जब भी बात होगी तो सुनो,यहाँ ये हिंदुस्तान होगी
बात दंगो की है तो ,क़लम कश्मीर की जुबान होगी
किसने मांगे तुमसे काग़ज़,क्यो यूँ गुमराह करते हो
कब कहा मोदी ने कि हिन्दू औ मुस्लमान की होगी
गर सच्चे मुसलमान हो तो अब्दुल कलाम बनो तुम
हमारा वादा तुमसे गर्दन कदम तुम्हारे निशान होगी
एक बार ये वादा करके हमसे तुम निभा दो ज़रा यूँ
पढ़कर दिखाओ तुम गीता सम्मानित क़ुरआन होगी
पाक को नापाक कर दिखा दो ये कहकर तुम ज़रा
गर जंग हुई तो हामिद की टैंकों के नीचे जान होगी
फ़िर सुनो हमारी भी, तुम प्राण जाये वचन न जाये
रामायण की कहावत चरितार्थ सारे हिंदुस्तान होगी
कहे कवि अशोक एक बार कदम से कदम मिलालो
समझें खतरें में जाँ फ़िर दुश्मने जॉ पाकिस्तान होगी
अशोक सपड़ा हमदर्द