क़यामत
लोगों से सुना करते थे कि क़यामत आती है।
पर अब तक यह इल्म़ नहीं था कि उसकी सूऱत क्या होती है।
सोचते थे खौफ़नाक ब़र्बादी का मंज़र लिए होगी।
पर पता नहीं था की वो अद़ने से जरासिम़ की शक्ल़ में म़ौत का फ़रमान लिए होगी।
जिसके क़हर से इंसान न बच पायेगा छटपटाएगा। और आख़िर में म़ौत के आग़ोश में समा जाएगा।
कोश़िशें जारी रहेगी इसका सामना करने के लिए।
जी तोड़ श़िद्दत से इसका तोड़ खोजने के लिए।
इसके क़हर से बचने के लिए इससे लड़ना होगा।
साफ सफाई रख कर इसको पनपने से रोकना होगा।